प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय युवा पीढ़ी के साथ जुड़ने का नया माध्यम ढूंढ लिया है, जो गेमिंग इंडस्ट्री में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने के माध्यम के रूप में साबित हो सकता है। नवंबर के महिने में, पीएम मोदी ने देश के टॉप गेमर्स के साथ एक खास मुलाकात की, जिसमें उन्होंने गेमिंग इंडस्ट्री के विकास और समर्थन की बात की। इस मुलाकात के बारे में एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें प्रधानमंत्री ने अपने और गेमर्स के बीच हुए वार्ता का अंश दिखाया गया है।
गेमिंग इंडस्ट्री को घेरे विवाद
प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के दौरान स्पष्ट किया कि सरकार को गेमिंग इंडस्ट्री के लिए कोई नई रेगुलेशन नहीं लाने का वादा किया है। यहां तक कि वह उस बात को भी मानते हैं कि इस समय गेमिंग इंडस्ट्री को खुले में ही फलने-फूलने देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने गेमिंग और गैम्बलिंग को अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने की बात भी कही।
विकास के पथ पर अटकलें
प्रधानमंत्री के इस ऐलान से भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री को विकास के पथ पर कई अटकलें आने की संभावना है। इस इंडस्ट्री को अब तक जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव बन रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री के इस ऐलान से इस प्रस्ताव पर रोक लग गई है। भारत की गेमिंग इंडस्ट्री वर्तमान में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की मान का है, जो आने वाले समय में और भी बढ़ सकती है।
प्रधानमंत्री के सुझाव
पीएम मोदी ने गेमिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘गेम इन इंडिया’ को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने ओपन सोर्स गेम्स के डेवलपमेंट पर भी ध्यान देने की सलाह दी, और उन्हें बताया कि कैसे ऐसे गेम्स बनाए जा सकते हैं जो हनुमान जैसे कैरेक्टर्स को लेकर हों।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मुलाकात से स्पष्ट होता है कि भारतीय सरकार गेमिंग इंडस्ट्री को विकसित करने और उसे समर्थन करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही, उनके द्वारा दिए गए सुझाव भी इस इंडस्ट्री को नए ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं।