मकान बेचने पर भी लगता है Tax पर ऐसे मिल सकती है छूट- अगर आप अपना कोई घर बेच रहे हैं तो आपका यह जानना जरुरी है कि उस पर आपको कितना टैक्स देना पड़ सकता है। बेची गई प्रॉपर्टी से आने वाला पैसा टैक्स फ्री नहीं होता है। इसलिए यहां समझना जरुरी है कि आप कैसे और कब कैपिटल गेन टैक्स लगने से बचा सकते हैं।
कैपिटल गेन टैक्स की लागत
अगर आप किसी रिहायशी प्रॉपर्टी को बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं तो आपको टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 48 के अनुसार, अगर किसी घर को खरीदने के बाद 2 साल में बेच दिया जाए तो उस पर हुए मुनाफे पर इनकम टैक्स भरना होगा। यदि यही घर आपने 2 साल से ज्यादा अपने पास रखकर बेचा तो होने वाले लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) मान लिया जाता है। इस पर आपको 20 फीसदी के हिसाब से कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ेगा।
टैक्स छूट का अधिकार
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 54 के मुताबिक, अगर आपने घर बेचकर नई रिहायशी प्रॉपर्टी खरीदी है तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिल सकती है। यह छूट सिर्फ इंडिविजुअल इनकम टैक्स पेयर्स या हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) को ही मिलेगी। हालांकि, बेची और खरीदी गई प्रॉपर्टी में से कोई भी कॉमर्शियल नहीं होनी चाहिए।
पुराना घर बेचने के बाद 2 साल में नया घर आपको खरीदना होगा। अगर आप घर बनवा रहे हैं तो 3 साल तक छूट मिल जाती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की यह छूट 10 करोड़ रुपये तक की प्रॉपर्टी पर ही ली जा सकती है। अगर आपने 2 साल के भीतर दो घर खरीदे तो भी छूट ले सकते हैं। हालांकि, आपका कुल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
पैसे बचाने के उपाय
घर बेचने से हुए मुनाफे को जोड़ते समय आप उस प्रॉपर्टी के खरीद मूल्य को बिक्री मूल्य और रजिस्ट्रेशन चार्ज को घटाएंगे। अगर आपने प्रॉपर्टी के विकास पर पैसे खर्च किए हैं तो उसे भी मुनाफे में से कम कर सकते हैं। साथ ही घर को बेचने पर हुए खर्च जैसे कि ब्रोकरेज और लीगल फीस आदि को भी मुनाफे में से घटाया जाता है।
इस तरह, घर को बेचने या खरीदने पर आपको ध्यान से टैक्स के नियमों को समझना चाहिए ताकि आप इससे बच सकें और अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकें।