प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भारत के शीर्ष गेमर्स के साथ एक आमने-सामने मुलाकात की। इस मुलाकात का एक वीडियो शनिवार को जारी किया गया। गेमर्स के साथ वार्ता के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक मिडिल क्लास को ‘सरकार से आजादी’ देने का उल्लेख किया। लेकिन इसका अर्थ क्या है, इस पर विचार किया जा रहा है।
PM Modi का प्लान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारतीय मिडिल क्लास को सरकार से आजाद कराने का एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने यह उजागर किया जब उन्होंने देश के शीर्ष गेमर्स के साथ वार्ता की। इस आमने-सामने में, प्रधानमंत्री मोदी ने सात शीर्ष भारतीय गेमर्स के साथ मुलाकात की, जिनमें नमन माथुर (SoulMortal), मिथिलेश पाटणकर (MythPat), अनिमेष अग्रवाल (8bitThug), पायल धरे (PayalGaming), गणेश गंगाधर (SkRossi), अंशू बिष्ट, और तीर्थ मेहता शामिल हैं।
रेग्युलेशन की महत्वपूर्ण भूमिका
गेमर्स के साथ वार्ता के दौरान, गेमिंग रेग्युलेशन के मुद्दे पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की नीति हर क्षेत्र में अधिक हस्तक्षेप करने की है। वे सरकार की दो प्रमुख दृष्टियों का उल्लेख करते हैं: पहला, सरकार नए कानूनों और प्रतिबंधों के माध्यम से व्यवस्थाओं को नियंत्रित कर सकती है; और दूसरा, सरकार समझने के बाद व्यवस्थाओं को बदलकर उन्हें समर्थ बना सकती है।
इस मामले में, सरकार के कार्यक्रम गेमिंग के नियमों को बढ़ावा देने का काम करेगा, जो कि इस क्षेत्र में प्रतिष्ठा को बढ़ाने में मदद करेगा।
मिडिल क्लास के लिए स्वतंत्रता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि 2047 तक देश के मिडिल क्लास परिवारों को सरकार की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि लोग अपनी जिंदगी के हर कदम पर सरकार से जुड़े रहें। इससे उनकी जिंदगी में स्वतंत्रता और अधिक स्वायत्त्तता होगी।
वार्ता के दौरान, गेमर मिथिलेश पाटणकर ने देश में सस्ते इंटरनेट के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध सस्ते इंटरनेट की वजह से अधिक लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, जो एक पॉजिटिव विकास है। उन्होंने यह भी बताया कि यूपीआई की व्यवस्था भारत में अद्वितीय है, जो देश के लिए एक वरदान है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य है कि देश के लोगों को सरकारी अधिकारों के अधीन होने से मुक्ति मिले और वे अपने जीवन को खुद संभाल सकें। इससे लोगों को समृद्धि और स्वतंत्रता का अनुभव होगा, जो देश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।