अमर सिंह चमकिला (21 जुलाई 1960 – 8 मार्च 1988) पंजाबी संगीत के एक प्रमुख गायक और संगीतकार थे। चमकिला की आवाज, उनकी बेहद ओजस्वी भाषा, ऊँचे स्वर, और उत्कृष्ट तुम्बी ने उन्हें संगीत जगत में अनदेखा नहीं बनाया।
Amar Singh Chamkila’s Death
पंजाब के मेहसामपुर में प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे, चमकीला और अमरजोत दोनों को 8 मार्च 1988 को लगभग 2 बजे अपने वाहन से बाहर निकलते ही गोली मार दी गई।
अमर सिंह चमकीला पंजाब के हाईएस्ट रिकॉर्ड सेलिंग आर्टिस्ट थे। चमकीला की हत्या 8 मार्च 1988 को उनकी हत्या कर दी गई। वहीं अब इस मशहूर सिंगर के जीवन पर फिल्म बन रही है जिसका नाम ‘चमकीला‘ है।
चमकीला का जन्म 1960 में पंजाब में हुआ था, लेकिन महज 27 साल की उम्र में वो इस दुनिया को अलविदा कह गए। 8 मार्च, 1988 के दिन कुछ अज्ञात हमलावरों ने अमर सिंह चमकीला की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। अमर सिंह के साथ उस वक्त उनकी पत्नी अमरजोत और उनके बैंड के दो लोग भी थे, जिनकी भी हत्या कर दी थी।
बता दें कि चमकीला मेहसमपुर, पंजाब में परफॉर्मेंस के लिए आ रहे थे। तभी तकरीबन 2 बजे अपनी गाड़ी से रवाना हुए थे, लेकिन अपनी गाड़ी से बाहद निकलते ही उन पर लगातार फाइरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई। चमकीला की हत्या के इतने सालों बाद भी उनके हत्यारों का कोई पता नहीं चला।
Amar Singh Chamkila Story
Amar Singh Chamkila के गीतों में महिलाओं के सम्मान, शराब, यौन हिंसा, और घरेलू विवादों जैसे विषय शामिल थे। चमकिला की विशेषता यह थी कि उन्होंने समाज की समस्याओं को उजागर किया और उन्हें अपने गीतों के माध्यम से उठाया। उनकी एक हत्या मामले में मौत की बाद, उनका नाम और उनके गायन का असर अब भी भारतीय संगीत इतिहास में गहराई से बसा है।
अमर सिंह चमकिला को पंजाब के सबसे प्रभावशाली कलाकारों में गिना जाता है, जिनका संगीत पंजाबी जीवन को छू गया। उनके गानों में उस समय की जीवनशैली की प्रतिबिम्बिति होती है जब उन्हें बड़े होते हुए देखा गया था। उनके हिट गाने “पहले ललकारे नाल” और “तलवार मैं कलगीधर दी” आज भी लोकप्रिय हैं। इनके गानों में उन्होंने सामाजिक संदेशों को बड़ी सरलता से पेश किया था, जिससे लोगों का मनोरंजन होता और सोच भी जाग्रत होती थी।
अमर सिंह चमकिला ने अपनी अनूठी आवाज़ और साहित्यिक गुणों के साथ पंजाबी संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनका योगदान संगीत इतिहास में अमर है, और उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं। वे न केवल एक कलाकार थे, बल्कि एक समाजशास्त्री और विचारक भी, जिन्होंने अपने संगीत के माध्यम से समाज को सोचने पर मजबूर किया।
Amar Singh Chamkila Death Reason
1988 के 8 मार्च को, पंजाब के मेहसामपुर में एक घटना ने समाचार के शीर्ष पंक्तियों में चर्चा का विषय बना। इस घटना में चमकीला और उनकी साथी अमरजोत, जो कि एक प्रसिद्ध पंजाबी संगीतकार और गायक थे, अपने प्रदर्शन से लौट रहे थे। उनके वाहन से निकलते ही, उन पर गोलीबारी का हमला हुआ और चमकीला और अमरजोत दोनों को गंभीर घायल कर दिया गया।
मोटरसाइकिल सवारों का एक गिरोह उन पर गोलियां चलाने के लिए उतरा, जिससे उनके दल के कई सदस्य घायल हो गए। इस हमले में चमकीला की मौत हो गई, जो एक भारतीय म्यूजिक उद्योग के प्रमुख चेहरा थे। यह अपराधियों द्वारा किया गया था, जिनकी पहचान अब तक पुलिस को नहीं मिली है।
चमकीला की मृत्यु उनके परिवार और समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका था। उनकी मौत ने संगीत उद्योग को गहरी चोट पहुंचाई थी और उनके गीतों का अभिनय उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना दिया।