डोसा, जो कि साउथ इंडिया की लोकप्रिय डिश है, अब उत्तर भारत में भी उत्साह से खाया जाता है। आपको यूपी-बिहार में भी ऐसे लोग मिल जाएंगे जो अपने घर में संडे की सुबह डोसा बनाते नजर आ जाएंगे। इसे इतना लोकप्रिय होने के कारण, अगर इससे जुड़ा कोई रिकॉर्ड बनाया जाए, तो यह किसी के लिए आश्चर्यजनक नहीं होगा। हाल ही में, कुछ शेफ्स ने इसे किया है।
डोसा भले ही साउथ इंडिया की डिश हो, पर उसे नॉर्थ इंडिया में भी बड़े ही चाव से खाया जाता है. आपको यूपी-बिहार में भी ऐसे लोग मिल जाएंगे जो अपने घर में संडे की सुबह डोसा बनाते नजर आ जाएंगे.
रेगी मैथ्यू, एक प्रमुख शेफ, ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े डोसे को बनाया है। इस वीडियो में उन्हें बेंगलुरू के एमटीआर फैक्ट्री में दिखाया गया है, जहां 75 शेफ्स ने मिलकर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इन शेफ्स ने दुनिया का सबसे बड़ा डोसा बनाया है, जिसकी लंबाई 123.03 फीट है।
रेगी मैथ्यू ने इस प्रक्रिया में कई बार असफलता का सामना किया, पर अंततः उन्हें सफलता मिली। उन्होंने बताया कि इस परियाप्त प्रशिक्षण, समर्पितता, और समर्थ टीम के साथ ही यह उपलब्ध हो सका। उन्होंने इस काम को केवल शेफ्स के रूप में ही नहीं, बल्कि होटल मैनेजमेंट से जुड़े कॉलेज के छात्रों और फैकल्टी से भी साझा किया।
उनकी कार्यक्रम को सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने देखा है, और उन्हें बधाई भी दी गई है। एक व्यक्ति ने अपने आनंद का इजहार करते हुए कहा कि वह खुश है कि यह रिकॉर्ड अंततः बन गया। एक अन्य ने मजाक में कहा, “ये dosa नहीं, doooooosa है”। कई अन्य शेफ्स ने भी रेगी मैथ्यू को बधाई दी है, और उनकी प्रशंसा की है।
भारत में पहले भी बड़े-बड़े साइज के डोसे बनाए गए हैं, लेकिन यह रिकॉर्ड नई ऊंचाइयों की ओर एक कदम है। यह दिखाता है कि भारतीय रसोई में कौशल और विविधता में कोई कमी नहीं है। भारतीय खाना एक समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिबिम्ब है, और इस रिकॉर्ड ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
डोसे की इस मिशन में न सिर्फ भोजन की एक नई स्तर तक पहुंच है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय रसोई कितनी विशाल और आधुनिक हो सकती है। यह एक संदेश है कि भारतीय रसोई अभी भी नई रिक्तियों को छूने की क्षमता रखती है, और उसकी सांस्कृतिक समृद्धि में निवास करने की शक्ति है। इस रिकॉर्ड की उत्कृष्टता और विश्वासघात देने वाली क्षमता का प्रमाण है, जो भारतीय खाने को एक नए दर्जे पर ले जाता है।