सूर्यग्रहण की माहिती के साथ, आपका स्वागत है। यहाँ हम बात करेंगे 2024 के सूर्यग्रहण के बारे में, जो कि अप्रैल 8 को आयोजित होने वाला है। यह दिन सोमवती अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। सूर्यग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है, जिसमें पूजा-पाठ, सभी शुभ कार्य, मंदिरों के कपाट भी बंद हो जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. पंकज पाठक ने Local 18 को बताया कि सूर्यग्रहण में पूजा, घटस्थापना नहीं की जाती है। साल का पहला सूर्यग्रहण चैत्र अमावस्या पर लग रहा है। इसके अगले दिन चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक भी मान्य नहीं होगा। साथ ही इसका असर नवरात्रि पर नहीं पड़ेगा।
पंडित पंकज पाठक ने Local 18 को बताया कि 8 अप्रैल को चैत्र अमावस्या पर लगने वाला सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार रात 9:12 मिनट से 1:25 मिनट तक रहेगा। इस बार जब पूर्ण सूर्यग्रहण लगेगा, तब भारत में रात होगी, इसलिए यह भारत में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में सूर्यग्रहण का सूतक भी मान्य नहीं होगा। नवरात्रि की शुरुआत पर भी ग्रहण का असर नहीं होगा। यह पूर्ण सूर्यग्रहण उत्तरी अमेरिका में घटित होगा, इसलिए इसका असर भी अमेरिका में ही होगा।
Navratri Ke Ek din Pahale padega Suryagrahan
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात 11:50 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 9 अप्रैल को रात 8:30 बजे समाप्त होगी, इसलिए घट-स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:02 से सुबह 10:16 बजे के पहले तक रहेगा। इस मुहूर्त की अवधि लगभग 4 घंटे 14 मिनट की रहेगी। साथ ही कलश स्थापना का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:57 मिनट से दोपहर 12:48 तक रहेगा। कलश स्थापना के लिए
लगभग 51 मिनट का समय मिलेगा। इसके साथ ही, ध्यान देने योग्य है कि इस समय के दौरान सूर्यग्रहण का असर नहीं होगा, जिससे कलश स्थापना एवं नवरात्रि की उत्सवी अवस्था में कोई बाधा नहीं आएगी।
इस समय के महत्व को समझते हुए, लोग नवरात्रि की धूमधाम से तैयारियों में जुटे हुए हैं। घरों में आयोजित हो रही पूजाओं और धार्मिक आचरणों की शुभ तैयारियों में लोग विशेष ध्यान दे रहे हैं। इस समय की महत्वपूर्ण घटना और पर्व के उत्सव का सम्मान करते हुए, लोग विशेष रूप से इस समय के शुभ मुहूर्त का पालन करेंगे।
सूर्यग्रहण के दिन और नवरात्रि के शुभ मुहूर्त की विस्तृत जानकारी के साथ, लोगों को अपनी धार्मिक आचरणों में सम्मान और संवेदनशीलता बनाए रखने की आवश्यकता है। इस समय का सम्मान करते हुए, हम सभी एक साथ शुभकामनाओं की ओर बढ़ते हैं, और समृद्धि और शांति की कामना करते हैं।