पीरियड या माहवारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो महिलाओं के शरीर में होती है। यह प्रक्रिया हर महीने में एक बार होती है, जिसमें महिलाओं के शरीर से रक्त और ऊतक महीने के दौरान निकलते हैं। इसका मतलब है कि महिलाओं के शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार करने का एक प्राकृतिक प्रक्रियात्मक प्रक्रिया है।
Period Me Pet Dard Kyu Hota Hai
पीरियड के दौरान, महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का उत्पादन होता है, जिससे उनके गर्भाशय में संकुचन होता है। इससे गर्भाशय की परत को बाहर निकलने में मदद मिलती है। यह संकुचन अक्सर “मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स” के रूप में महसूस होता है, जोकि हल्के से लेकर गंभीर पेट दर्द का कारण बन सकता है। इसके अलावा, पेट दर्द के साथ-साथ कई बार पैर और पीठ में भी दर्द हो सकता है। ये दर्द महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान उनके गर्भाशय की मांसपेशियों को ट्रिगर कर सकते हैं।
अगर आपको इस तरह का दर्द होता है, तो आपके पास प्रोस्टाग्लैंडिन का उच्च स्तर हो सकता है, जिससे आपके संकुचन मजबूत और अधिक दर्दनाक हो सकते हैं।
Ladki Ko Period Kyu Hota Hai
जब कोई लड़की मेच्योर होना शुरू होती है, तब उसका शरीर गर्भधारण के लिए तैयार हो जाता है। जब लड़की अपने यौवन में प्रवेश करती है, तो उसके शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं और तभी से पीरियड्स का सिलसिला शुरू होता है। जब महिला यौवन में पहुंचती है तब हॉर्मोनल प्रभाव के कारण अंडाशय (Ovary) अंडे बनाना शुरू कर देता है। हर महीने गर्भाशय में एक परत का निर्माण होता है जो म्यूकस और खून से बनी होती है।
जब अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है, तब वह महिला के योनि द्वार से बाहर निकलता है जो म्यूकस और खून को साथ लेकर आता है। इससे महिला को ब्लीडिंग होना शुरू हो जाती है, जिसे हम “पीरियड्स”, “मासिक धर्म” या “माहवारी” के नाम से भी जानते हैं।
Pregnancy Ke Lakshan
गर्भावस्था के बारे में पक्का निश्चित करने के लिए कॉन्फर्मेशन प्रेग्नेंसी टेस्ट का उपयोग किया जाता है। लेकिन कुछ लक्षण हैं, जो गर्भधारण का संकेत देते हैं। हल्की स्पॉटिंग और पीरियड मिस होना गर्भधारण के शुरुआती लक्षणों में से एक है। कई बार ऐसा भी होता है कि पीरियड मिस हो जाना एक सामान्य स्थिति होती है, जिसके लिए जांच बहुत जरूरी होती है।
गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों में से कुछ बताते हैं कि महिला गर्भवती हो सकती है। इनमें जी मिचलाना, उल्टी, स्तनों में दर्द और संवेदनशीलता, कब्ज, पेट में फूलना, थकान, कमजोरी, बार-बार पेशाब आना, सिरदर्द और चक्कर शामिल हो सकते हैं।
गर्भावस्था नौ महीने की लंबी होती है, और इस अवधि में महिलाओं को अपने शारीरिक और आत्मिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।