राजस्थान के जोधपुर शहर में आवारा कुत्तों का खतरा बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक घटना उजागर हुई, जिसमें एक ढाई साल की बच्ची को एक दरिंदा कुत्ता हमला कर दिया। बच्ची की बेहद नाजुक स्थिति के बाद लोगों की सांस थम गई। इस हादसे ने समाज में गहरी चिंता का माहौल बना दिया है।
डिगाड़ी के ओम नगर में रहने वाली बच्ची और उसकी छोटी बहन बाहर खेल रही थीं। यहां, एक आवारा कुत्ता बच्ची के पीछे भागा और उसे हमला किया। बच्ची की छोटी बहन को खतरा महसूस होते ही वह शोर करने लगी, लेकिन कुत्ते ने बच्ची को गर्दन में पकड़ लिया।
भागने के बाद कुत्ता बच्ची को गंभीर रूप से घायल कर दिया। बच्ची के पिता का कहना है कि वह आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं, और अब उन्हें बच्ची का इलाज कराने के लिए भी परेशानी हो रही है।
जोधपुर में आवारा कुत्तों के हमले की संख्या में वृद्धि हो रही है। कुछ महीने पहले, एक ऐसी ही घटना में दो स्कूल छात्र जिंदगी की रेलवे ट्रैक पर खेलते हुए आवारा कुत्तों के हमले का शिकार हो गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद नागरिकों ने स्थानीय प्रशासन से सख्ती से कदम उठाने की मांग की है। उन्हें आवारा कुत्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों।
इस वक्त, स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा को मजबूत करने का भी प्रयास करना चाहिए। नागरिकों को भरोसा होना चाहिए कि वे और उनके बच्चों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।
ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए, लोगों को आवारा कुत्तों के खिलाफ सतर्क रहने की आवश्यकता है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी ऐसे जगहों पर जांच-परख करने की जरूरत है जहां ऐसे कुत्ते आमतौर पर पाए जाते हैं।
अंत में, एक ऐसी समाज में सुरक्षित वातावरण का निर्माण करने के लिए, सभी स्तरों के लोगों को मिलकर काम करना होगा। जागरूकता और सामुदायिक साझेदारी के माध्यम से, हम सभी आवारा कुत्तों के खिलाफ एक मजबूत और सुरक्षित समाज बना सकते हैं।
यह एक अहम मुद्दा है जिस पर हम सभी को संज्ञान में लेना चाहिए और सक्रिय रूप से कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा, राजनीतिक नेताओं को भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और नागरिकों के सुरक्षा और सुरक्षित स्थिति के लिए उपाय करने के लिए कदम उठाने चाहिए। यह समाज का कर्तव्य है कि हम सभी अपने आसपास के जोखिमों को पहचानें और उनका समाधान करें ताकि हम सभी एक सुरक्षित और सुरक्षित समाज में रह सकें।