लोकसभा चुनाव 2024 के नजदीकी, राजनीतिक महसूसे गरमाहट में हैं। इस उत्साह भरे माहौल में एक बड़ा झटका हुआ है, जब उत्तर प्रदेश के बिजनौर से सांसद मलूक नागर ने अपनी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से इस्तीफा दे दिया। यह नागर के दूसरे इस्तीफे की खबर है, जिसने राजनीतिक वातावरण को हलचला दिया है।
Malook Nagar Resigns
मलूक नागर ने अपने इस्तीफे के साथ एक पत्र भेजकर मायावती, बीएसपी की अध्यक्षा को अपना दर्द बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी की नीतियों और दिशा के खिलाफ विचारधारा होने के कारण इस निर्णय पर पहुंचा गया है। यह स्थिति प्रमुखतः उनके घर के और राजनीतिक मंच के बीच उत्तेजना पैदा कर रही है।
मलूक नागर ने इस्तीफा देते हुए कहा, “मैं इस पार्टी में 18 सालों से जुड़ा हूं। मैं देश और जनता के लिए काम करने को तैयार हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मेरे और मेरे पार्टी के विचारों में असंगति हो गई है।” उन्होंने आगे कहा, “बीएसपी में यह इतिहास रहा है कि एक कार्यकाल के बाद या तो आपको पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा या फिर पार्टी आपको घर बैठा देगी।”
मलूक नागर ने लिखा मायाबती खत
मलूक नागर ने अपने इस्तीफे के समय एक खत लिखकर बीएसपी की प्रमुख मायावती को भेजा। उन्होंने अपने परिवार के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि उनके परिवार ने पिछले 39 वर्षों से कांग्रेस और बीएसपी के साथ कई चुनावों में भाग लिया है। उनके इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दिशा में उनकी असंतुष्टि बढ़ी है।
इससे पहले भी मलूक नागर ने 2019 में बीएसपी से इस्तीफा दिया था, लेकिन बाद में पुनः पार्टी में शामिल हो गए थे। यह उनका दूसरा इस्तीफा है जो पार्टी की नीतियों और दिशा के खिलाफ है। बीएसपी के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि चुनाव के इस महत्वपूर्ण समय में सांसद का इस्तीफा पार्टी को मुश्किल में डाल सकता है।
मलूक नागर के इस्तीफे के बाद, बीएसपी ने बिजनौर से चौधरी ब्रिजेंद्र सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। इससे चुनाव की लड़ाई में नई चुनौती ब्रिजेंद्र सिंह के लिए खड़ी हो गई है। वह अब बिजनौर के लोगों के विश्वास को जीतने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
मलूक नागर का इस्तीफा बीएसपी के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। इससे पार्टी के नेतृत्व को सोचने पर मजबूर किया गया है कि क्या उन्हें अपनी नीतियों और कार्यक्रमों में संशोधन की आवश्यकता है। चुनावी दंगल के मैदान में, यह एक महत्वपूर्ण समय है जब पार्टियों को अपने नेतृत्व और अपने संगठन की मजबूती को अद्यतन करने की जरूरत होती है।