ऑस्ट्रेलिया में एक नया धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें एक व्यक्ति के बैंक खाते को हैक करने की कोशिश की गई। एक दिन, उसके मोबाइल फोन पर एक संदेश आया, जिसमें कहा गया, “आपके खाते से संदिग्ध लेन-देन का पता चला है। अगर आप नए कार्ड की आवश्यकता महसूस करते हैं, तो कृपया ‘कैंसल’ बटन दबाएं।” शख्स ने तत्काल अपने बैंक से संपर्क किया, और उसे बताया गया कि संदेश सही है। बाद में पता चला कि उसके खाते से 16 लाख रुपये गायब हो गए।
बैंक की ग़लती या धोखाधड़ी?
इस मामले में, मेलबर्न के एक निवासी का ‘यूबैंक’ में खाता था। उसे मोबाइल पर आए संदेश में शक का सामना हुआ, लेकिन बैंक द्वारा पुष्टि हुई कि संदेश सही था। परंतु, कुछ समय बाद शख्स के खाते से भयानक राशि गायब हो गई। उसकी बहन ने बताया कि जब वह फोन पर बैंक के विशेषज्ञों से बात कर रहा था, उसने खाते में लेन-देन होते देखा, और 10,000 डॉलर दो बार में निकाले गए। बैंक ने इसे अपनी ग़लती मानने से इनकार किया, और जांच में 45 दिन लगेंगे बताया।
यह मामला ऑस्ट्रेलिया में हुआ, लेकिन भारत में भी इस तरह के धोखाधड़ी के मामले सामने आते रहते हैं। रिजर्व बैंक ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। किसी भी फोन कॉल पर अपने बैंक डिटेल्स या ओटीपी को किसी के साथ साझा न करें। बैंक कभी भी आपसे ऐसी जानकारी नहीं मांगेगा। अगर कोई संदेश या कॉल संदिग्ध लगे, तो तुरंत बैंक को सूचित करें, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे।
धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्कता ही सबसे बड़ा शस्त्र है। बने रहें, और अपने वित्तीय सुरक्षा का ध्यान रखें। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए सजग रहना बेहद महत्वपूर्ण है। बैंकों द्वारा प्रदत्त निर्देशों का पालन करना और अपनी वित्तीय सुरक्षा को महत्व देना आवश्यक है।
विशेष रूप से अगर किसी अनजाने फोन कॉल या संदेश में आपसे वित्तीय जानकारी मांगी जा रही हो, तो तत्काल बैंक या आधिकारिकों को सूचित करें। सावधानी से काम करते हुए आप अपने वित्तीय संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं और धोखाधड़ीबाजों के ठेकेदारी से बच सकते हैं।